पुरुषों के स्वामित्व वाले मूवर्स एंड पैकर्स कारोबार में जब पीएम रीलोकेशंस की आकांक्षा भार्गव ने बिजनेस जॉइन किया तो लोगों को यह शक था कि आकांक्षा इस कारोबार में बहुत दिनों तक टिक पाएगी। अपनी मजबूत इच्छाशक्ति के बल पर आकांक्षा ने मूवर्स एंड पैकर्स कारोबार में एक नई पहचान बनाई है।

दिल्ली जैसे शहर की भूमिका

कोलकाता में पैदा हुई आकांक्षा भार्गव का परिवार साल 1992 में दिल्ली शिफ्ट हो गया। दिल्ली में पले-बढ़े होने की वजह से आकांक्षा ने लाइफ में स्ट्रगल करने का महत्व सीखा। दिल्ली में रहने की वजह से आकांक्षा ने अपनी तरफ से सोचना, दोस्त बनाना, अलग-अलग तरह के लोगों के संपर्क में आने, अपना मेंटर बनाने जैसे कई काम सीखे। आकांक्षा के पैशन के पीछे दिल्ली जैसे शहर का बहुत बड़ा रोल है। बचपन से ही आकांक्षा रीलोकेशन इंडस्ट्री से बहुत अधिक प्रभावित थी।

दो महीने में बढ़ाने लगी कारोबार

आकांक्षा भार्गव ने अपने पिता को बचपन से ही रीलोकेशन का काम करते देखा था। इसके बाद उन्होंने रीलोकेशन कारोबार में ही हाथ आजमाने का फैसला किया।आकांक्षा ने अपने पिता की कंपनी PMR में एक रेगुलर एम्पलाई की तरह ज्वाइन किया। करीब 2 महीने तक जॉब करने के बाद आकांक्षा ने पीएम आर के कारोबार को बेंगलुरु में फैलाने की योजना बनाई। अपने पिता को pmr में कड़ी मेहनत करते देखकर आकांक्षा को यह पूरा भरोसा था कि वह बेंगलुरु में पीएमआर रीलोकेशन का ऑफिस बना लेंगी।

मेहनत का मिला फल

आकांक्षा को यह पता था कि पुरुषों के प्रभुत्व वाले मूवर्स एंड पैकर्स कारोबार में सरवाइव करना बहुत आसान नहीं है। इस वजह से उन्होंने PMR के कारोबार को बढ़ाने में पूरी मेहनत की। पीएम रीलोकेशंस रेजिडेंशियल और कमर्शियल गुड्स को पैक और एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर करती है। कंपनी का कारोबार विदेश में भी है। कंपनी मूवर्स एंड पैकर्स का कारोबार बहुत कुशलता से करती है। आकांक्षा भार्गव ने कहा, "लोग बिना किसी झंझट के अपने घर को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करना चाहते हैं और हमारी कुशलता यही है कि हम इसमें उनकी पूरी मदद करते हैं।"

PMR के कारोबार में कई गुना वृद्धि

साल 1986 में शुरू हुए पीएम रीलोकेशंस का कारोबार साल 2007 तक करीब 3 करोड़ रुपये पर था। आकांक्षा के ज्वाइन करने के बाद कंपनी के कारोबार में तेज वृद्धि दर्ज की गई। इस समय पीएम रीलोकेशंस के देश भर में 8 महानगरों में ऑफिस है जबकि उनके एंप्लॉई की संख्या 600 को पार कर गई है। देश के तकरीबन सभी जिला मुख्यालय में पीएम रीलोकेशंस ने अपने बिजनेस पार्टनर बनाए हुए हैं जिनकी मदद से कोई व्यक्ति अपना सामान कहीं दूसरी जगह शिफ्ट कर सकता है। पीएम रीलोकेशंस का कारोबार अब ₹100 करोड़ के करीब पहुंच गया है।

PMR की खासियत

पीएम रीलोकेशंस के कारोबार में तेजी आने की प्रमुख वजह के बारे में आकांक्षा भार्गव ने कहा, "लोगों का मूवर्स एंड पैकर्स का एक्सपीरियंस अच्छा नहीं रहता है। वह गैर पेशेवर लोगों के संपर्क में आते हैं और उनकी वजह से उनका मूड खराब हो जाता है। PM रीलोकेशंस लोगों को प्रोफेशनल सेवाएं देकर न सिर्फ घर शिफ्ट करने में मदद करती है, बल्कि बच्चों के लिए स्कूल और उस शहर से संबंधित जरूरतों को पूरा करने में भी मदद करती है।" कॉरपोरेट मूवर्स एंड पैकर्स कारोबार में पीएम रीलोकेशंस के पास पूरा पैकेज उपलब्ध है। इस वजह से भारती एयरटेल जैसी बड़ी कंपनी पीएम रीलोकेशंस की पिछले 27 साल से स्थाई कस्टमर है।

Source: https://navbharattimes.indiatimes.com/business/business-news/success-story-akanksha-bhargava-pm-relocations-journey-as-women-entreprenure/articleshow/84941333.cms?story=5